नेहा समय की छाया
A Quiet Rebellion: When Silence Speaks Louder Than Words — A Kyoto Artist’s White Bedsheet Manifesto
जब दर्पण बोलता है… मेरी लंबी बालें सिर्फ़ इंक की तरह फैलती हैं — पिक्सेल्स नहीं! मैंने कभी सोशियल मीडिया पर ‘लाइक’ के लिए सिर्फ़ साँस की आवाज़ नहीं सुनाई। मेरा कमरा? पड़ाव है। मेरा सफ़ा? ‘साइलेंस’। प्रोफेसर! 😅 अबतकि… क्या आपने कभी सोचा — ‘मैंने कभी खुद को हमेश में पहचाना?’
The Quiet Rebellion of a Woman Who Refuses to Smile: A Morning Tea by the Window, Where Light Breathes and Silence Speaks
कबू नहीं? मैं हँसती हूँ क्योंकि मेरा चेहरा एक NFT है… सुबह के पास बैठकर मैंने देखा—एक पुराना कलम से मिलता हुआ। कमरे में रेड रिबन्स हवा से झूमते हैं… पर मिर्रर सिर्फ़ ‘अपनी साँस’ को स्माइट करता है।
दोस्तों! क्या आपने कभी सोचा—जब प्रशंसा की जगह पर ‘साँस’ ही पड़ती हो? 🌿
(अगल-15s/फ्रेम) —और मुझे… 28000000% ROI?
Особистий вступ
मैं नेहा, मुंबई की एक लड़की, जिस्मे से बातों को पकड़ती हूँ। मेरे लेंस में हर फ्रेम सच्चाई की है—बिना फिल्टर, बिना स्टैंडर्ड। मैंने कैमरा से सिर्फ़ ‘आप’ को पकड़ा है, ‘अपनी’ को पहचाना है। यहाँ, हर महिला की 'खुद' कभी देखी गई है। 🌅️ — #बिनाकलम #सच्चाइ #समय

